30 अप्रैल, 2024
अंतरिक्ष विज्ञान पूर्व-योजना सूत्रीकरण (एसएसआरएफ) बैठक 22-23 अप्रैल, 2024 के दौरान बेंगलूरु में यूआर राव उपग्रह केंद्र (यूआरएससी) / इसरो में आयोजित की गई। बैठक का आयोजन यूआरएससी और अंतरिक्ष विज्ञान कार्यक्रम कार्यालय,इसरो मुख्यालय द्वारा किया गया। इस बैठक ने देशभर के विभिन्न अनुसंधान केंद्रों और विश्वविद्यालयों के 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
बैठक के दौरान छह विशिष्ट अंतरिक्ष विज्ञान विषयों पर विचार-विमर्श किया गया:
यूआरएससी निदेशक ने प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और कार्यक्रम का परिचय प्रस्तुत किया। इसरो के शीर्ष विज्ञान बोर्ड (एएसबी) के अध्यक्ष श्री ए एस किरण कुमार ने इसरो के भावी अंतरिक्ष विज्ञान कार्यक्रम की दिशा को रेखांकित किया। यूआरएससी के कार्यक्रम निदेशक ने सामुदायिक अंतरिक्ष प्रयोगों के लिए उपलब्ध विभिन्न अंतरिक्ष मंचों से अवगत कराया। अध्यक्ष, इसरो/सचिव, अंतरिक्ष विभाग ने बैठक के उद्देश्यों का संदर्भ प्रस्तुत किया और प्रत्याशित परिणामों को चिह्नित किया, जिनका उद्देश्य प्रख्यात वैज्ञानिकों के मशवरों के साथ राष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान पूर्व-योजना का सूत्रीकरण करना था।
देशभर की अनुसंधान संस्थाओं के विशेषज्ञों ने छह मुख्य-विषयों के अंतर्गत प्रासंगिक वैज्ञानिक मुद्दों और वैश्विक रुझानों पर व्यापक चर्चा की। तत्पश्चात, स्प्लिंटर समूह ने निकट (2030), मध्य (2031-2035), और दीर्घ (2035-2045) अवधि में अन्वेषण के लिए महत्वपूर्ण वैज्ञानिक समस्याओं की पहचान करने के लिए विषय-विशेषज्ञों के साथ विषयनिष्ठ चर्चा की। 23 अप्रैल, 2024 को इन विचार-मंथन सत्रों के निष्कर्ष खुले सत्र के दौरान प्रस्तुत किए गए।
इस पहल को अत्यधिक सकारात्मक प्रतिसाद मिला। स्प्लिंटर समूह के सदस्यों को वैज्ञानिक अतिव्याप को चिह्नित करने और अंतरिक्ष विज्ञान कार्यक्रम की संस्थिरता सुनिश्चित करने हेतु समर्पित क्षमता में वृद्धि के लिए सुझाव दिए गए।
समापन सत्र के दौरान, एएसबी अध्यक्ष और यूआरएससी निदेशक ने शिक्षाविदों से भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में तेजी से बदलाव के साथ तालमेल रखने के लिए उद्योगों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने इन कार्यक्रमों में युवाओं को शामिल करने और एक समुदाय के रूप में राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राथमिकता देने तथा अंततः अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान और अन्वेषण में भारत को अग्रणी बनाने पर बल दिया। उन्होंने सिफारिश की कि यूआरएससी/इसरो में एसएसआरएफ की बैठक के परिणामस्वरूप स्प्लिंटर समूहों द्वारा आगामी चर्चाओं का दस्तावेजीकरण और समीक्षा की जाए, क्योंकि वे देश में भावी अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान गतिविधियों के लिए योजना बनाने में बुनियाद का काम करती हैं।
बैठक में विभिन्न संस्थानों और विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों ने भाग लिया:
संस्थान:
यूनिवर्सिटी / कॉलेज: